मलाई और हल्दी लगाने के फायदे Options
जिससे आपके होंठ और चेहरे की त्वचा फट नेसे आप बच सकते हो
सौंदर्य टिप्स, जो आपको अपनी मां से सीखने चाहिए
अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार हल्दी का नियमित सेवन करें।
खांसी चाहे सूखी हो या बलगम वाली दोनों ही कफ दोष प्रकुपित होने के कारण होती है। हल्दी में कफ को संतुलित करने का गुण होता है जिसके कारण यह हर प्रकार की खांसी में लाभदायक होती है।
खून में शुगर की मात्रा का बढ़ना यानी डायबिटीज का होना। इस अवस्था में भी हल्दी लाभदायक होती है क्योंकि डायबिटीज होने का एक कारण पाचन का खराब होना माना गया है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है साथ ही इस स्थिति में कफ दोष भी बढ़ जाता है। हल्दी में पाचक गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ बनाती है और मेटाबोलिज्म ठीक करती है। साथ ही कफ शामक होने के कारण यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
हल्दी का पौधा : इसके पत्ते बड़े-बड़े होते हैं।
तेल तभी मिलाएं अगर स्किन बहुत ड्राई हो।
लिवर फंक्शन को सुधारे लिवर की समस्या से परेशान लोगों के लिए हल्दी का पानी किसी औषधि से कम नहीं है। हल्दी के पानी में टॉक्सिस लीवर के सेल्स को फिर से ठीक करता है। हल्दी और पानी के मिले हुए गुण लीवर को संक्रमण से भी बचाते हैं। हार्ट प्रॉब्लम का इलाज हार्ट की समस्या से परेशान लोगों को हल्दी वाला पानी पीना चाहिए। हल्दी खून को गाढ़ा होने से बचाती है। जिससे हार्ट here अटैक की संभावना कम हो जाती है।
गुनगुने गर्म पानी से चेहरे को धो डालें।
हल्दी (टर्मरिक) भारतीय वनस्पति है। यह अदरक की प्रजाति का ५-६ फुट तक बढ़ने वाला पौधा है जिसमें जड़ की गाठों में हल्दी मिलती है। हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक द्रव्य के रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक नाम दिए गए हैं।
ग्रीन सलाद पर भी थोड़ी सी हल्दी डाल सकते हैं। इससे सलाद में पौष्टिक तत्व बढ़ सकते हैं।
अब इस पेस्ट को चेहरे पर आराम-आराम से लगाएं।
स्मूदी में भी हल्दी को घोलकर सेवन किया जा सकता है।